ग्रामीण स्थानीय स्वशासन में महिला जनप्रतिनिधियों की सहभागिताः अजमेर जिले के विशेष संदर्भ में विश्लेषणात्मक अध्ययन

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सुवालाल जाखड़

Abstract

वर्तमान में लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण के लिए यह आवश्यक है कि लोकतंत्र में व्यापक भागीदारी होनी चाहिए। महिलाओं की भागीदारी लोकतंत्र को और अधिक समावेशी बनाती है। पिछले कुछ दशकों में भारत में पंचायती राज के माध्यम से सशक्तिकरण का जो दौर प्रारम्भ हुआ है उसमें महिलाओं की राजनीति में भागीदारी एक व्यापक अर्थ रखती है। 73वें एवं 74वें संविधान संशोधन को भी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक क्रांतिकारी कदम कहा जा सकता है। इसी संशोधन के तहत पहली बार स्थानीय संस्थाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण स्थानीय स्वशासन में महिलाओं की भागीदारी से ग्रामीण महिलाएँ अपने अधिकारों के प्रति सचेत हुई हैं, उनमें अन्याय और शोषण के विरुद्ध आवाज उठाने की हिम्मत बढ़ी है साथ ही पंचायतों में सहभागिता से महिलाओं ने शिक्षा के महत्व को भी पहचाना है। अजमेर जिला राजस्थान के प्रमुख जिलों में से एक है जहाँ 2020 के स्थानीय चुनावों में महिला जनप्रतिनिधियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

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How to Cite
सुवालाल जाखड़. (2025). ग्रामीण स्थानीय स्वशासन में महिला जनप्रतिनिधियों की सहभागिताः अजमेर जिले के विशेष संदर्भ में विश्लेषणात्मक अध्ययन. International Journal of Advanced Research and Multidisciplinary Trends (IJARMT), 2(4), 69–76. Retrieved from https://ijarmt.com/index.php/j/article/view/523
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