स्वतंत्रता संग्राम में महिला छात्र–नेतृत्व : उत्तर प्रदेश की भूमिका और योगदान
Main Article Content
Abstract
1905 से 1947 के बीच का काल भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण था, क्योंकि इसी अवधि में छात्र आंदोलन एक सशक्त राजनीतिक शक्ति के रूप में उभर कर सामने आए। यह शोध पत्र–पत्र उत्तर प्रदेश के छात्र नेताओं के योगदान का विश्लेषण करता है, जो स्वदेशी आंदोलन, असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण चरणों में अग्रिम पंक्ति में सक्रिय रहे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय तथा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय जैसे संस्थान राष्ट्रीय चेतना और छात्र राजनीति के केंद्र बने, जहाँ से अनेक प्रभावशाली छात्र नेता तैयार हुए।
इस शोध पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि उत्तर प्रदेश के छात्रों ने सत्याग्रह, धरने, बहिष्कार, विदेशी वस्त्रों के दहन, जेल यात्राओं और भूमिगत गतिविधियों के माध्यम से ब्रिटिश शासन को चुनौती दी। कई छात्र नेता हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) और कांग्रेस सोशलिस्ट ग्रुप जैसे क्रांतिकारी संगठनों से भी जुड़े, जिससे छात्र आंदोलनों को वैचारिक गहराई और उग्रता मिली। साथ ही छात्रों ने सामाजिक सुधार आंदोलनों, राष्ट्रीय साहित्य के प्रसार, पर्चे वितरण और स्वदेशी शिक्षा संस्थानों के विकास में भी प्रमुख भूमिका निभाई।
विशेष रूप से, यही छात्र राजनीति आगे चलकर स्वतंत्र भारत के कई प्रमुख नेताओं की आधारभूमि बनी–जैसे लाल बहादुर शास्त्री, पुरुषोत्तम दास टंडन, नारायण दत्त तिवारी और कमलापति त्रिपाठी। इस प्रकार, 1905–1947 के दौरान उत्तर प्रदेश के छात्र आंदोलनों ने न केवल स्वतंत्रता संघर्ष को गति दी, बल्कि भारत के लोकतांत्रिक नेतृत्व और सामाजिक–राजनीतिक रूपांतरण की नींव भी रखी।
Article Details

This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial 4.0 International License.
References
चंद्रा, बिपिन, इंडियाज़ स्ट्रगल फ़ॉर इंडिपेन्डेन्स, पेंगुइन, नई दिल्ली, 1988, पृ. 128
मजूमदार, आर.सी., हिस्ट्री ऑफ़ फ़्रीडम मूवमेंट इन इंडिया, मुंशीराम मनोहरलाल, नई दिल्ली, 1957, पृ. 275
मिनॉल्ट, गेल, सीक्लूडेड स्कॉलर्स, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, दिल्ली, 1998, पृ. 162
नंदा, बी.आर., मेकर्स ऑफ़ मॉडर्न इंडिया, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, नई दिल्ली, 1985, पृ. 181
चंद्रा, बिपिन, इंडियाज़ स्ट्रगल फ़ॉर इंडिपेन्डेन्स, पेंगुइन, नई दिल्ली, 1988, पृ. 142
मजूमदार, आर.सी., हिस्ट्री ऑफ़ फ़्रीडम मूवमेंट इन इंडिया, मुंशीराम मनोहरलाल, नई दिल्ली, 1957, पृ. 268
मिनॉल्ट, गेल, सीक्लूडेड स्कॉलर्स, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, दिल्ली, 1998, पृ. 158
ब्राउन, जूडिथ, गाँधीज़ राइज़ टू पावर, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, कैम्ब्रिज, 1972, पृ. 166
हार्डी, पीटर, द मुस्लिम्स ऑफ़ ब्रिटिश इंडिया, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, 1972, पृ. 120
चंद्रा, बिपिन, इंडियाज़ स्ट्रगल फ़ॉर इंडिपेन्डेन्स, पेंगुइन, नई दिल्ली, 1988, पृ. 223
मजूमदार, आर.सी., हिस्ट्री ऑफ़ फ़्रीडम मूवमेंट इन इंडिया, मुंशीराम मनोहरलाल, नई दिल्ली, 1957, पृ. 334
चंद्रा, बिपिन, इंडियाज़ स्ट्रगल फ़ॉर इंडिपेन्डेन्स, पेंगुइन, नई दिल्ली, 1988, पृ. 426.
मजूमदार, आर.सी., हिस्ट्री ऑफ़ फ़्रीडम मूवमेंट इन इंडिया, मुंशीराम मनोहरलाल, नई दिल्ली, 1957, पृ. 371.
ब्राउन, जूडिथ, गाँधीज़ राइज़ टू पावर, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, कैम्ब्रिज, 1972, पृ. 214
नंदा, बी.आर., मेकर्स ऑफ़ मॉडर्न इंडिया, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, नई दिल्ली, 1985, पृ. 203
हार्डी, पीटर, द मुस्लिम्स ऑफ़ ब्रिटिश इंडिया, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, 1972, पृ. 128