हिंदी लोकगीतों की परंपरा, महत्व और संरक्षण प्रयास

Main Article Content

Shekhar Sharma,Dr. Rajendra Kashinath Baviskar

Abstract

हिंदी लोकगीत भारतीय समाज की सांस्कृतिक चेतना का अभिन्न अंग हैं, जो पीढ़ियों से मौखिक परंपरा के रूप में संरक्षित होते आए हैं। ये गीत न केवल मनोरंजन का साधन रहे हैं, बल्कि सामाजिक, धार्मिक और पारिवारिक जीवन की गहराइयों को भी व्यक्त करते हैं। विवाह, जन्म, ऋतु-परिवर्तन, त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों पर गाए जाने वाले लोकगीत सामूहिक जीवन के उल्लास और भावनात्मक अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम रहे हैं। इनमें जीवन के सुख-दुख, संघर्ष और आशाओं का सजीव चित्रण मिलता है, जिससे वे समाज की जीवंत धरोहर के रूप में प्रतिष्ठित होते हैं।


लोकगीतों का महत्व इस बात से भी स्पष्ट होता है कि इनमें स्थानीय बोलियों, रीति-रिवाजों और मान्यताओं का सहज समावेश होता है। इनकी सरल भाषा और लयबद्धता जनमानस को गहराई से जोड़ती है। परंतु आधुनिकता, शहरीकरण और तकनीकी प्रभावों के कारण लोकगीतों की परंपरा संकटग्रस्त होती जा रही है। युवा पीढ़ी का झुकाव फिल्मी और पाश्चात्य संगीत की ओर अधिक होने से लोकगीत धीरे-धीरे हाशिए पर पहुँच रहे हैं।


संरक्षण के लिए आवश्यक है कि लोकगीतों का संकलन, लिप्यंतरण और डिजिटलीकरण किया जाए। शैक्षणिक संस्थानों, सांस्कृतिक संगठनों और सरकारी प्रयासों से इन्हें पुनर्जीवित किया जा सकता है। लोकगीत केवल अतीत की धरोहर नहीं हैं, बल्कि वर्तमान और भविष्य की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत बनाने वाले साधन हैं।

Article Details

How to Cite
Shekhar Sharma,Dr. Rajendra Kashinath Baviskar. (2024). हिंदी लोकगीतों की परंपरा, महत्व और संरक्षण प्रयास. International Journal of Advanced Research and Multidisciplinary Trends (IJARMT), 1(2), 489–497. Retrieved from https://ijarmt.com/index.php/j/article/view/506
Section
Articles

References

सिंह, आर. (2010). "भारतीय लोकगीतों की परंपरा: एक अध्ययन". भारतीय लोक साहित्य शोध पत्रिका, 12(1), 45-52.

शर्मा, पी. (2011). "लोकगीतों का सांस्कृतिक महत्व और संरक्षण की आवश्यकता". संस्कृति और समाज, 8(3), 33-40.

गुप्ता, एस. (2012). "हिन्दी लोकगीतों में सामाजिक चेतना". लोकवार्ता, 15(2), 27-35.

वर्मा, के. (2013). "लोकगीतों का संरक्षण: चुनौतियाँ और समाधान". भारतीय संस्कृति अध्ययन, 9(4), 50-58.

दास, एम. (2014). "हिन्दी लोकगीतों की परंपरा और उनका विकास". साहित्य विमर्श, 11(1), 22-30.

चौधरी, एल. (2015). "लोकगीतों का संरक्षण: एक आवश्यक पहल". संस्कृति संवाद, 10(2), 41-49.

मिश्रा, आर. (2016). "हिन्दी लोकगीतों में पर्यावरणीय चेतना". पर्यावरण और संस्कृति, 7(3), 36-44.

कुमार, वी. (2017). "लोकगीतों के संरक्षण में तकनीकी उपाय". लोकसंस्कृति शोध पत्रिका, 14(1), 29-37.

सक्सेना, डी. (2018). "उत्तराखंड के लोकगीत: सामाजिक और पर्यावरणीय चेतना के प्रहरी". रिसर्च डायरेक्शन, 6(4), 34-40.

पटेल, एस. (2019). "हिन्दी लोकगीतों की प्रासंगिकता और संरक्षण". साहित्य समीक्षा, 13(2), 55-63.

जोशी, ए. (2020). "लोकगीतों का डिजिटल संरक्षण: एक अध्ययन". नई दिशा, 9(1), 20-28.

सिंह, टी. (2020). "लोक संगीत में शोध व आवश्यकता". जेटीआईआर, 7(3), 1234-1240.

राय, पी. (2021). "हिन्दी लोकगीतों में नारी चेतना". स्त्री विमर्श, 5(2), 47-55.

अग्रवाल, एन. (2021). "लोकगीतों का संरक्षण: वर्तमान परिप्रेक्ष्य". संस्कृति शोध, 12(3), 39-46.

कश्यप, जी. (2022). "हिन्दी लोकगीतों की परंपरा और उनका भविष्य". लोकधारा, 16(1), 31-38.

Similar Articles

1 2 3 4 5 > >> 

You may also start an advanced similarity search for this article.