आधुनिक हिंदी साहित्य (1960–2020) में स्त्री लेखन की प्रतिनिधि लेखिकाएँ

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Bindu Singh, Dr Baviskar Rajendra Kashinath

Abstract

कबीर दास का सामाजिक दर्शन आज भी अत्यंत प्रासंगिक है। वे जीवन के सच्चे मूल्यों और मानवता की व्याख्या करते हुए सामाजिक बंधनों, जातिवाद, धार्मिक कट्टरता और अंधविश्वास के विरुद्ध थे। आधुनिक समाज में जहाँ विभाजन, भेदभाव और संकीर्ण सोच बढ़ रही है, वहाँ कबीर की शिक्षाएँ हमें एकता, सहिष्णुता और समानता का संदेश देती हैं। कबीर का संदेश आज के समय में सामाजिक समरसता और आपसी सम्मान को बढ़ावा देता है। उन्होंने जाति, धर्म और वर्ग के भेदभाव को समाप्त कर सभी मनुष्यों को समान बताया। उनका यह विचार आज के लोकतांत्रिक और बहुलतावादी समाज के लिए एक मजबूत आधार है। कबीर की कविता और दोहे मानवता, प्रेम और आत्मज्ञान की ओर प्रेरित करते हैं, जो तनावपूर्ण सामाजिक परिवेश में शांति और सौहार्द स्थापित कर सकते हैं। आधुनिकता के युग में जब लोग तेज़ी से व्यक्तिगत सफलता और भौतिकवादी मूल्यों की ओर बढ़ रहे हैं, तब कबीर का सरल और आत्मसाक्षात्कारपूर्ण दृष्टिकोण हमें जीवन के गहरे अर्थ समझने में मदद करता है। उनकी शिक्षाएँ आज भी हमारे सामाजिक और नैतिक जीवन को सुधारने में मार्गदर्शक हैं।

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How to Cite
Bindu Singh, Dr Baviskar Rajendra Kashinath. (2024). आधुनिक हिंदी साहित्य (1960–2020) में स्त्री लेखन की प्रतिनिधि लेखिकाएँ. International Journal of Advanced Research and Multidisciplinary Trends (IJARMT), 1(2), 412–423. Retrieved from https://ijarmt.com/index.php/j/article/view/458
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References

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