हरियाणा में किसान और मजदूर वर्ग की सामाजिक-आर्थिक चुनौतियाँः एक क्षेत्रीय विश्लेषण
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हरियाणा एक प्रमुख कृषि प्रधान राज्य है, जहां की अधिकांश जनसंख्या कृषि और संबंधित गतिविधियों पर निर्भर है। राज्य के समाज को विभिन्न वर्गों में विभाजित किया जा सकता है, जिनमें से प्रमुख वर्ग सर्वहारा वर्ग और किसान वर्ग हैं। सर्वहारा वर्ग मुख्य रूप से मजदूर और श्रमिक होते हैं, जिनके पास जमीन या अन्य संसाधनों की कमी होती है। वहीं, किसान वर्ग का मुख्य कार्य कृषि करना होता है और वे अपनी भूमि पर खेती करते हैं। हालांकि, इन दोनों वर्गों की समस्याएं और चुनौतियां कुछ हद तक समान हो सकती हैं, परंतु उनकी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति में महत्वपूर्ण भिन्नताएं भी देखी जाती हैं। इस लेख में, हम हरियाणा के किसान वर्ग विश्लेषण करेंगे, जिसमें उनकी सामाजिक स्थिति, आर्थिक स्थिरता, राजनीतिक भागीदारी और उनके सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी। इस विश्लेषण से यह समझने का प्रयास किया जाएगा कि वे हरियाणा के सामाजिक ढांचे में किस प्रकार से अपनी भूमिका निभाते हैं।
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